Saturday, February 21, 2015

तकदीर का कैमरा और फ्री स्पेस




294 जीबी यादों को टटोलते हुए कभी कभी आप उलझ जाते हैं, अपने जेहन में बरसों से पड़ीं हिडन फाइलों में। कानों में लगी लीड इंस्ट्रूमेंटल बजा रही होती है लेकिन आप सुन रहे होते हैं वे धुनें जो अब मायने नहीं रखतीं, इससे ज्यादा कि वे आपके ही जीवन के संगीत का हिस्सा हैं। आप तस्वीर दर तस्वीर देख रहे होते हैं, लेकिन असल में आपकी नजरें खरोंच रही होती हैं उस तस्वीर को जो शायद ठीक से बन नहीं पाई कभी। आप देख तो रहे होते हैं कम्प्यूटर स्क्रीन पर नजरें गड़ाकर, लेकिन असल में आप वह सब देखना नहीं चाह रहे होते। आप उस बहाने से देख रहे होते हैं वे तस्वीरें जो आपने खींचनी चाहीं थीं कभी मगर खींच नहीं सके, क्योंकि तकदीर के कैमरे पर क्लिक करने वाली उंगली आपके पास होती ही नहीं। कुछ देर देखकर फिर आप अचानक देखते हैं राइट क्लिक से हार्ड डिस्क का फ्री स्पेस। नीले और गुलाबी गोले का गुलाबी स्पेस देखकर आप झूठ मूठ में खुश होते हैं। आप सोचते हैं कुछ और तस्वीरें आ सकती हैं अभी आपकी हार्ड डिस्क में। और फिर आप उन तस्वीरों की कल्पना करने लगते हैं जिन्हें खींचा ही नहीं गया है अभी तकदीर के कैमरे से।

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